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उत्तराखंड में स्टार्टअप पॉलिसी मंजूर,

उत्तराखंड में स्टार्टअप पॉलिसी मंजूर, जानिए खास बातें
#UKPCSMAINS2016
उत्तराखंड के युवाओं को उद्यमिता के साथ ही स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर स्टार्टअप पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 40 हजार करोड़ के सालाना बजट को भी मंजूरी मिली।
सचिवालय में गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसले लिए गए। इसके अनुसार उद्यमियों को पॉलिसी का लाभ सात साल तक मिलेगा। साथ ही राज्य में करीब पांच सौ करोड़ रुपये का निवेश और दो लाख वर्ग फुट औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने का अनुमान भी है। निवेशकों के जरिये युवाओं को केंद्रीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उद्यमियों के चयन का जिम्मा नव निर्माण परिषद के पास होगा।
स्टार्टअप नीति से आएगा 500 करोड़ का निवेश
देहरादून। राज्य की स्टार्ट अप पॉलिसी आईआईटी से लेकर ग्रामीण युवाओं को अपने विचारों को बिजनेस में बदलने का मौका देगी। पॉलिसी में नए आइडिया पर काम करने और उन्हें उद्यम में बदलने के लिए युवाओं को कई सुविधाएं देने का प्रावधान है। इसे केंद्र की तर्ज पर तैयार किया गया है।
आइडिया हब: नए विचारों को प्रोत्साहन को 1 हजार वर्गफीट भूमि पर कंप्यूटर और 2 जीबीपीएस इंटरनेट की सुविधा वाले आइडिया हब बनेंगे। यहां सबसे अच्छे आइडिया को परखा जाएगा। इस पर टीबीआई सेंटर में शोध होगा। तीन चरणों की यह प्रक्रिया निशुल्क होगी।
स्टार्टअप इनोवेशन काउंसिल
स्टार्टअप प्रस्तावों के चयन के लिए स्टार्टअप इनोवेशन काउंसिल गठित होगी। राष्ट्रीय स्तर का आईटी विशेषज्ञ इसका अध्यक्ष होगा। जबकि प्रमुख सचिव एमएसएमई उपाध्यक्ष, सचिव वित्त सदस्य और निदेशक उद्योग को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। इसके अलावा इसमें 10 अन्य सदस्य भी होंगे।
नीति की खास बातें
स्टार्ट अप को सरकार से एमओयू पर दो साल तक भूमि-भवन सुविधा के साथ दो करोड़ तक मदद मिलेगी।
सामान्य सुविधा केंद्र, प्रयोगशाला, गोदाम कम दरों पर मिलेंगे।
एससी/एसटी, महिला के इंक्यूबेशन सेंटर को भूमि की दर में छूट।
भूमि लीज पर लेने में स्टांप शुल्क की क्षतिपूर्ति विभागीय बजट से होगी।
कानूनी, बैंकिंग, एकाउंटिंग सुविधा, छात्रों को विवि-कॉलेजों में उपस्थिति में 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
विपणन-प्रोत्साहन के लिए पांच लाख तक की छूट।
राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 50 हजार और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट को 2 लाख मिलेंगे।
ये उद्योग दायरे में
कृषि, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैव प्रौद्योगिकी, शिक्षा, परिवहन, ऊर्जा, ई-कामर्स, जल प्रबंधन, ढुलान, सामाजिक उद्यम, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, फैशन डिजाइनिंग, आयुर्वेद, पारंपरिक कलाएं, डेयरी, एनिमेशन-गेमिंग, मोटर वाहन, पैकेजिंग, विज्ञान अध्यापन।

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