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हिमालय पर विश्व वन्य कोष की रिपोर्ट

हिमालय पर विश्व वन्य कोष की रिपोर्ट

भारत उन प्रमुख राष्ट्रों में से एक है जिन्हें प्रकृति ने प्रचुर जैव-विविधता का अमूल्य उपहार प्रदान किया है। उत्तर में विशाल हिमालय तथा दक्षिण-पश्चिम एवं पूरब में समुद्र से घिरा भारत विश्व की 7-8 प्रतिशत जंतु एवं वानस्पतिक प्रजातियों का निवास स्थल है। 96000 पशु प्रजातियों तथा 45500 पौध प्रजातियों के निवास वाले भारत में विश्व के 12.5 प्रतिशत स्तनी; 4.5 प्रतिशत पक्षी, 45.8 प्रतिशत सरीसृप एवं 55.8 प्रतिशत उभयचर पाए जाते हैं। भारत के 4 जैव-विविधता वाले क्षेत्रों को जैव-विविधता हॉट स्पॉट घोषित किया गया है।
जीवन की विविधता धरती पर मानव के अस्तित्व और स्थायित्व को मजबूती प्रदान करती है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस घोषित किए जाने के बावजूद यह जरूरी है कि प्रति दिन जैव-विविधता से संबद्ध मामलों की समझ और उनके लिए जागरूकता बढ़ाई जाए। इसी लक्ष्य के दृष्टिगत ‘विश्व वन्य कोष’ (World Wild Life Fund) ने 5 अक्टूबर को ‘विश्व पर्यावास दिवस’ (World Habitat Day) के अवसर पर पूर्वी हिमालय की जैव-विविधता से संबंधित एक रिपोर्ट जारी की, जिसके माध्यम से 10000 पौध प्रजातियों, 300 स्तनी, 977 पक्षी, 176 सरीसृप, 105 उभयचर तथा 269 ताजे पानी की मछलियों वाले इस पूर्वी हिमालय क्षेत्र में बढ़ रहे पर्यावास संकट के प्रति लोगों को आगाह किया गया है।

भारत के प्रमुख जैव-विविधता हॉट स्पॉटस
  • हिमालय-संपूर्ण हिमालय क्षेत्र जिसमें भारतीय हिमालय क्षेत्र सहित पाकिस्तान, तिब्बत, नेपाल, भूटान, चीन तथा म्यांमार सम्मिलित हैं।
  • इंडो बर्मा-इसके क्षेत्र में उत्तर-पश्चिम भारत, म्यांमार, थाइलैंड, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया तथा दक्षिणी चीन सम्मिलित हैं।
  • सुंडालैंड-सुंडालैंड हॉट स्पॉट के अंतर्गत निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई तथा फिलीपींस को सम्मिलित किया गया है।
  • पश्चिम घाट एवं श्रीलंका-इस हॉट स्पॉट में पश्चिम घाट एवं श्रीलंका सम्मिलित हैं।
  • स्रोत-इनविस (Envis) सेंटर ऑन फ्लोरल डायवर्सिटी-स्पांसर्ड बाई-मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया।
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