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26-11-2018:Constitution day  of india

26-11-2018:Constitution day  of india

26 नवंबर, 1949 और 26 जनवरी, 1950। भारत के संविधान के इतिहास की ये दो अहम तारीखें हैं। 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान अंगीकार किया गया तो 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया। संविधान को जिस तारीख को अंगीकार किया गया यानी 26 नवंबर, उस दिन को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस।
संविधान पर हस्ताक्षर और अंगीकार किया गया
24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किया। हस्ताक्षर करने वालों में 15 महिला सदस्य भी शामिल थीं।
 
26 नवंबर, 1949 को इस संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
 
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
संविधान की मूल प्रति को हिंदी और इंग्लिश में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। रायजादा के परिवार का पेशा कैलिग्राफी था। उन्होंने संविधान के हर पेज को खूबसूरत लिखावट और इटैलिक में लिखा है। उन्होंने नंबर 303 के 254 पेन होल्डर निब का संविधान लिखने के लिए इस्तेमाल किया। संविधान लिखने में उनको छह महीने लगे। भारत सरकार द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन हाउस में उनको एक कमरा आवंटित किया गया था। जब उनसे मेहनताना पूछा गया था तो उन्होंने कुछ भी लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने सिर्फ एक शर्त रखी कि संविधान के हर पृष्ठ पर वह अपना नाम लिखेंगे और अंतिम पेज पर अपने नाम के साथ अपने दादा का भी नाम लिखेंगे।
 
चित्रकारी
संविधान के हर पेज चित्रों से सजाने काम का काम आचार्य नंदलाल बोस को सौंपा गया था। नंदलाल बोस की पंडित जवाहर लाल नेहरू से शांतिनिकेतन में मुलाकात हुई थी, जहां पंडित नेहरू ने उनके सामने यह प्रस्ताव रखा था। उनके मार्गदर्शन में उनके शिष्यों ने संविधान को डिजाइन देने का काम किया। बड़ी-बड़ी तस्वीरों को नंदलाल बोस ने खुद से पेंट किया। संविधान के सबसे अहम पेज ‘प्रस्तावना’ को अपनी कला से सजाने का काम व्यौहार राममनोहर सिन्हा ने किया। वह नंदलाल बोस के एक शिष्य थे।
 
संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है।
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