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India at 77 Rank in World Bank’s Doing Business Report

India Improves Rank by 23 Positions in Ease of Doing Business

India at 77 Rank in World Bank’s Doing Business Report

The World Bank released its latest Doing Business Report(DBR, 2019) todayin New Delhi. India has recorded a jump of 23 positions against its rank of 100 in 2017 to be placed now at 77thrank among 190 countries assessed by the World Bank. India’sleap of23 ranks in the Ease of Doing Business ranking is significant considering that last year India had improved its rank by 30 places, a rare feat for any large and diverse country of the size of India. As a result of continued efforts by the Government, India has improved its rank by 53 positions in last two years and 65positions in last four years.

The Doing Business assessment provides objective measures of business regulations and their enforcement across 190 economies on ten parameters affecting a business through its life cycle. The DBR ranks countries on the basis of Distance to Frontier (DTF), a score that shows the gap of aneconomy to the global best practice. This year, India’s DTF score improved to 67.23 from 60.76 in the previous year.

India has improved its rank in 6 out of 10 indicators and has moved closer to international best practices (Distance to Frontier score) on 7 out of the 10 indicators. But, the most dramatic improvements have been registered in the indicators related to ‘Construction Permits’ and ‘Trading across Borders’. In grant of construction permits, India’s rank improved from 181 in 2017 to 52in 2018, an improvement of 129 ranks in a single year. In ‘Trading across Borders’, India’s rank improved by 66 positions moving from 146 in 2017 to 80in 2018. The changes in six indicators where India improved its rank are as follows:

S. No. Indicator 2017 2018 Change
1 Construction Permits 181 52 +129
2 Trading Across Borders 146 80 +66
3 Starting a Business 156 137 +19
4 Getting Credit 29 22 +7
5 Getting Electricity 29 24 +5
6 Enforcing Contracts 164 163 +1
Overall rank 100 77 +23

The important features of India’s performance this year are:

Indicatorwise highlights of India’s performance are:

  1. Construction Permits –
  1. Procedures reduced from 37 to 20 in Mumbai and from 24 to 16 in Delhi
  2. Time reduced from 128.5 to 99 days in Mumbai and from 157.5 to 91 days in Delhi
  3. Building quality control index improved from 12 to 14 in Mumbai and 11 to 14 in Delhi
  4. Cost of obtaining construction permits reduced from 23.2 percent to 5.4 percent
  5. DTF score improved from 38.80 to 73.81
  1. Trading Across Borders –
  1. Changes in time and cost are as follows:
  1. Robust Risk Management System has reduced inspections significantly
  2. e-Sanchit allows traders to file all documents electronically
  3. Time and cost to export reduced through the introduction of electronic self-sealing of container at the factory
  1. Starting a Business –
        1. Procedures reduced from 11 to 10 in Delhi and 12 to 10 in Mumbai
        2. Time reduced from 30 to 16 days in Delhi and 29.5 to 17 days in Mumbai
        3. PAN, TAN, DIN now merged with SPICe making it a single form for company incorporation
        4. No requirement of inspection for registration under Shops & Establishment in Mumbai
        5. Distance to Frontier improved from 75.40 to 80.96
  1. Access to Credit
  1. Rank improved from 29 to 22
  2. DTF improved from 75 to 80
  3. Strength of legal rights index improved from 8 to 9
  4. Secured creditors will now be repaid first during business liquidation hence given priority over other claims
  1. Access to Electricity
  1. Procedures reduced from 5 to 3 in Delhi and 5 to 4 in Mumbai
  2. DTF improved from 85.21 to 89.15

Improvement have taken place due to the commitment of the Government to carry out comprehensive and complex reforms, supported by the bureaucracy which has changed its mindset from a regulator to a facilitator. The Government has undertaken an extensive exercise of stakeholder consultations to understand challenges of the industry, government process re-engineering to provide simplified and streamlined processes to create a more conducive business environment in the country. As a result of continued efforts, India’s rank has improved as follows:

Year 2014 2016 2017 2018
Overall rank 142 130 100 77
DTF 53.97 56.05 60.76 67.23

The eight indicators in which India has improved its rank over last four years:

S. No. Indicator 2014 2018 Change
1 Construction Permits 184 52 +132
2 Getting Electricity 137 24 +113
3 Trading across Borders 126 80 +46
4 Paying Taxes 156 121 +35
5 Resolving Insolvency 137 108 +29
6 Enforcing Contracts 186 163 +23
7 Starting a Business 158 137 +21
8 Getting Credit 36 22 +14

Implementation of reforms required coordination within various Ministries and government agencies:

    1. DIPP prepared reform action plan based on global best practices, with support of World Bank’s expert team
    2. Identification of nodal Departments and constitution of Task Force for each indicator. DIPP sensitizing Departments and worked with them for reform implementation
    3. Development of a Communication Plan for Dissemination of reforms to users and other stakeholders, to generate awareness and receive feedback.
      1. DIPP engaged expert agencies to receive regular industry feedback on reforms
      2. Consulted stakeholders frequently to understand the gaps in reform implementation
      3. Created WhatsApp groups to share reforms and address concerns of users
      4. Conducted focused group discussions and one-to-one meetings with users
      5. Ran twitter Polls and conducted live Twitter chat sessions to gauge user perception
    4. Identified corrective measures based on feedback received
    5. Regular review of reforms and removing bottlenecks in implementation
    6. Indian delegation visited World Bank multiple times to explain the reforms implemented and understand areas for improvement
  1. …..………………………………………………….

    भारत ने ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की और ऊंची छलांग लगाई

    विश्व बैंक की ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’  में भारत वर्ष 2017 के 100वें पायदान से सुधर कर अब 77वें पायदान पर
     

    पहले नंबर पर कौन?
    कारोबार सुगमता रैंकिंग में न्यू जीलैंड शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का नंबर आता है। सूची में अमेरिका 8वें, चीन 46वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। विश्व बैंक ने इस मामले में सबसे अधिक सुधार करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को दसवें स्थान पर रखा है।

    विश्व बैंक ने आज नई दिल्ली में अपनी नवीनतम ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर, 2019)’ जारी की। भारत ने ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की और ऊंची छलांग लगाई है। विश्व बैंक द्वारा आकलन किये गये 190 देशों वाली ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’  में भारत वर्ष 2017 के 100वें पायदान से और ऊपर चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है। भारत द्वारा ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में लगाई गई 23 पायदानों की ऊंची छलांग निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले वर्ष इस सूचकांक में भारत ने अपनी रैंकिंग में 30 पायदानों की जबर्दस्त छलांग लगाई थी जो भारत के आकार वाले किसी भी विशाल एवं विविधतापूर्ण देश के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है। सरकार द्वारा किये गये निरन्तर प्रयासों की बदौलत ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों में 65 पायदान ऊपर चढ़ गया है।
    ‘डूइंग बिजनेस आकलन’ से उन 10 पैमानों पर 190 देशों में व्यवसाय या बिजनेस संबंधी नियम-कायदों और उन पर अमल के वस्तुनिष्ठ लक्ष्यों के बारे में पता चलता है जो किसी भी व्यवसाय के समूचे कारोबारी चक्र पर असर डालते हैं। डीबीआर में देशों की रैंकिंग ‘डिस्टैंस टू फ्रंटियर (डीटीएफ)’ के आधार पर की जाती है जो एक विशिष्ट स्कोर है और जो किसी भी अर्थव्यवस्था में अपनाये जाने वाले कारोबारी तौर-तरीकों और वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों में अंतर को दर्शाता है। भारत का डीटीएफ स्कोर पिछले वर्ष के 60.76 से बढ़कर इस वर्ष 67.23 हो गया है।
    भारत 10 संकेतकों में से 6 संकेतकों से जुड़ी अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है और इसके साथ ही वह 10 संकेतकों में से 7 संकेतकों पर वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों के और करीब पहुंच गया है। हालांकि, सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘निर्माण परमिट’ और  ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है। निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 52वीं हो गई है जो एक ही वर्ष में 129 रैंकिंग के अभूतपूर्व सुधार को दर्शाता है। इसी तरह ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 146वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 80वीं हो गई है जो एक ही वर्ष में 66 रैंकिंग के उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है। जिन छह संकेतकों पर भारत ने अपनी रैंकिंग सुधारी है उनमें ये निम्नलिखित हैं-
     

    क्र.सं. संकेतक 2017 2018 सुधार
    1 निर्माण परमिट 181 52 +129
    2 सीमा पार व्यापार 146 80 +66
    3 कोई कारोबार शुरू करना 156 137 +19
    4 ऋण प्राप्त करना 29 22 +7
    5 बिजली प्राप्त करना 29 24 +5
    6 अनुबंधों पर अमल 164 163 +1
    समग्र रैंक 100 77 +23

     
     
    इस वर्ष भारत के प्रदर्शन की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-

    • विश्व बैंक ने वर्ष के दौरान उल्लेखनीय सुधार करने वाले शीर्ष देशों में भारत को भी शुमार किया है।
    • उल्लेखनीय सुधार करने वाले शीर्ष देशों में भारत की भी गिनती लगातार दूसरे वर्ष की गई है।
    • भारत प्रथम ब्रिक्स और दक्षिण एशियाई देश है जिसे सुधार करने वाले शीर्ष देशों में लगातार दूसरे वर्ष शुमार किया गया है।
    • भारत ने दो वर्षों में अपनी रैंकिंग में 53 पायदानों की ऊंची छलांग लगाई है जो डूइंग बिजनेस आकलन में वर्ष 2011 के बाद किसी भी बड़े देश द्वारा दो वर्षों में किये गये सर्वाधिक बेहतरी को दर्शाता है।
    • प्रदर्शन में निरंतर सुधार की बदौलत भारत अब दक्षिण एशियाई देशों में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है, जबकि वर्ष 2014 में यह छठे स्थान पर था।

     
    भारत के प्रदर्शन की संकेतक-वार मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-

  2. निर्माण परमिट-
    ए. प्रक्रियाओं की संख्या मुंबई में 37 से घटकर 20 और दिल्ली में 24 से घटकर 16 रह गई है।
    बी. इसमें लगने वाला समय मुंबई में 128.5 दिनों से घटकर 99 दिन और दिल्ली में 157.5 से घटकर 91 दिन रह गया है।
    सी. भवन निर्माण गुणवत्ता नियंत्रण सूचकांक मुंबई में 12 से सुधर कर 14 और दिल्ली में 11 से सुधर कर 14 हो गया है।
    डी. निर्माण परमिट प्राप्त करने की लागत 23.2 प्रतिशत से घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई है।
    ई. डीटीएफ स्कोर 38.80 से सुधर कर 73.81 हो गया है।
     
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