Best IAS UKPSC Coaching in Dehradun

National Recruitment Agency

National Recruitment Agency

NRA…… प्रधानमंत्री जी को यह भी चेक करना चाहिए कि उनके CM भी इसी तरह का भगीरथ प्रयास करें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन को मंजूरी दे दी गई, जो कॉमन एजिलिबिलिटी टेस्ट कराएगी।केंद्रीय नौकरियों में भर्ती के लिए अलग-अलग एजेंसियां और भर्ती बोर्ड अलग-अलग परीक्षाएं कराती रही हैं। नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी सभी नॉन-गजटेड पोस्ट के लिए टेस्ट कराएगी, जिसे कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कहा जाएगा। फिलहाल रेलवे भर्ती बोर्ड, स्टाफ सिलेक्शन कमिशन और आईबीपीएस (इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन) की परीक्षाओं को नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के तहत लाया जाएगा।

अभी केंद्रीय नौकरियों में भर्ती के लिए 20 से ज्यादा रिक्रूटमेंट एजेंसियां टेस्ट कराती हैं। आगे चलकर इन सभी एजेंसियों को भी नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के तहत लाया जाएगा।यह एजेंसी केंद्रीय नौकरियों में भर्ती के लिए 12 भाषाओं में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराएगी। बाद में और क्षेत्रीय भाषाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। यह टेस्ट साल में एक बार होगा। आवेदकों की सुविधा के लिए हर जिले में टेस्ट सेंटर बनाए जाएंगे। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में आया स्कोर 3 साल तक के लिए मान्य होगा। स्टूडेंट तय अधिकतम उम्र तक जितनी बार चाहे यह टेस्ट दे सकते हैं। उनमें उनके सर्वश्रेष्ठ स्कोर को माना जाएगा। स्कोर के आधार पर ही भर्तियां की जाएंगी।क्यों करोड़ो युवाओं के लिए वरदान होगी एजेंसी?

पीएम मोदी ने यूं ही नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को करोड़ों युवाओं के लिए वरदान नहीं बताया है। फिलहाल कैंडिडेट्स को कई एजेंसियों की तरफ से अलग-अलग समय पर कराई जा रही परीक्षाओं को देना पड़ता है। सबके लिए अलग-अलग परीक्षा शुल्क जमा करना पड़ता है। इसमें युवाओं का काफी समय और पैसा लग जाता है। नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के बन जाने से स्टूडेंट्स को कई परीक्षाओं, अलग-अलग एग्जाम फी, अलग-अलग तारीखों और परीक्षाओं के लिए अलग-अलग केंद्रों तक आने-जाने में लगे समय और खर्च की समस्या से निजात मिल जाएगी। अलग-अलग केंद्रीय नौकरियों में भर्ती के लिए कैंडिडेट्स को सिर्फ एक ही रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। एक बार ही फीस जमा करनी पड़ेगी। और तो और, अलग-अलग भर्तियों के लिए अलग-अलग करिकुलम की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए कॉमन करिकुलम होगा।

Exit mobile version