देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश के साथ ही देहरादून के आंतरिक मार्गों पर मिनी मेट्रो ट्रेन यानि लाइट रेल ट्रांजिस्ट (एलआरटी) चलाने का प्रस्ताव जल्द प्रदेश कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। मेट्रो प्रबंधन उत्तराखंड सरकार को अगले सप्ताह तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने जा रहा है। अंतिम रिपोर्ट में देहरादून में आईएसबीटी से रिस्पना पुल और हरिद्वार में शहर के अंदर प्रस्तावित एलआरटी की जगह दूसरे यातायात के साधन विकसित करने की सिफारिश की गई है। हरिद्वार शहर के अंदर पीआरटी : उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बीते दो साल से प्रस्तावित एलआरटी (मिनी मेट्रो) के लिए विभिन्न तरह के अध्ययन और सर्वे करवा रहा था। अब मेट्रो प्रबंधन को डीपीआर के साथ ही अल्टरनैटिव एनॉलिसिस रिपोर्ट मिल चुकी है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा। अंतिम रिपोर्ट में हरिद्वार शहर में एलआरटी के रूट में काफी बदलाव किया गया है। पहले एलआरटी ज्वालापुर से शुरू होकर हरिद्वार शहर के अंदर से होते हुए ललतारौ पुल तक पहुंचनी थी, लेकिन शहर के अंदर जगह कम होने के चलते अब इसे ज्वालापुर से ही नेशनल हाईवे के समानांतर प्रस्तावित किया गया है। जबकि हरिद्वार शहर के अंदर ज्वालापुर से ललतारौ पुल तक पॉड टैक्सी प्रस्तावित की गई है। पॉड टैक्सी को बीच में कई जगह मेट्रो से सीधे जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है।
आईएसबीटी से रिस्पनापुल के बीच फीडर बसें
देहरादून में आईएसबीटी से रिस्पना पुल के बीच प्रस्तावित ट्रैक को फिलहाल छोड़ने का प्रस्ताव लिया गया है। इसके लिए नेपाली फार्म के लिए प्रस्तावित ट्रैक को रिस्पना पुल से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। जबकि एफआरआई से रायपुर जाने वाले ट्रैक को वाया रिस्पनापुल होकर मोड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। दरअसल, अंतिम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हरिद्वार आने जाने वाले यात्रियों को मुख्य रूप से देहरादून शहर के अंदर ही काम होता है। ऐसे में उन्हें आईएसबीटी तक लाकर कोई फायदा नहीं है। इसके लिए आईएसबीटी से रिस्पना पुल के बीच फीडर बस सेवा का प्रस्ताव दिया गया है। देहरादून में इसी तरह भीड़ भरी कांवली रोड पर भी रोपवे का प्रस्ताव दिया गया है।
चार फरवरी तक रिपोर्ट फाइनल हो जाएगी, जिसे अगले सप्ताह तक शासन को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। हरिद्वार में पीआरटी का प्रस्ताव पहले ही शासन को भेजा जा चुका है।