समूह ‘ग’ श्रेणी के पदों की सीधी भर्ती के लिए सरकार ने नई अनिवार्य पात्रता निर्धारित कर प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता दी है। इसमें उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व इसके समकक्ष स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।
राज्य पलायन आयोग ने भी सीधी भर्ती के पदों में प्रदेश के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता देने की सिफारिश की थी। मंत्रिमंडल ने समूह ‘ग’ पदों की अनिवार्य अर्हता संशोधन नियमावली को मंजूरी दे दी है।
वर्ष 2010 में कार्मिक विभाग की ओर से अधिसूचना में समूह ‘ग’ पदों को आवेदन करने के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण होने का प्रावधान किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में समूह ‘ग’ पदों के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण बाध्यता को समाप्त करने के आदेश दिए। इस पर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को सीधी भर्ती में प्राथमिकता देने के लिए कई राज्यों की भर्ती नियमावली का अध्ययन किया।
राज्य पलायन आयोग से इस संबंध में राय ली गई। आयोग ने सिफारिश की कि प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन हो रहा है।
लिहाजा समूह ‘ग’ पदों की सीधी भर्ती में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। पलायन आयोग का तर्क था कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं के अभाव व आर्थिक स्थिति कमजोर होने से युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते हैं।
आजीविका व रोजगार लिए युवा पलायन कर रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने समूह ‘ग’ पदों की सीधी भर्ती में प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता दी है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने अनिवार्य अर्हता नियमावली में संशोधन करने की मंजूरी दे दी।
आवेदन करने के लिए ये होगी पात्रता
समूह ‘ग’ पदों के लिए आवेदन करने को वही अभ्यर्थी पात्र होेंगे, जिन्होंने राज्य के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की है।
वहीं, सैनिक, अर्र्धसैनिक बलों में कार्यरत तथा राज्य सरकार अथवा उसके अधीन स्थापित किसी राजकीय, अर्द्धशासकीय संस्था में नियमित पदों पर तैनात कार्मिकों और केंद्र सरकार व केंद्रीयसार्वजनिक उपक्रमों में नियमित पदों पर उत्तराखंड में कार्यरत ऐसे कर्मचारी, जिनकी सेवाएं राज्य से बाहर स्थानांतरित नहीं हो सकती हों, ऐसे कार्मिक व उनके बेटे व बेटी समूह ग पदों पर आवेदन के लिए पात्र माने जाएंगे।