नॉर्वे का एक्वा कल्चर, ऊर्जा क्षेत्र और ग्रीन टेक्नाॅलाजी में बड़ा नाम है। उन्होंने कहा कि नॉर्वे की कम्पनियों के लिए फिशरीज, जल विद्युत तथा सौर ऊर्जा और ग्रीन टेक्नाॅलाजी के क्षेत्र में #Uttarakhand में निवेश हेतु अच्छा माहौल है।
उत्तराखण्ड राज्य इन्वेस्टर फ्रेण्डली स्टेट है और यहाँ निवेशकों के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियाँ लाई गई हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नॉर्वे के राजदूत के दौरे से उत्तराखण्ड और नॉर्वे के मध्य संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में नॉर्वे के राजदूत श्री रैगनार ने बताया कि भारत के साथ नॉर्वे के व्यापारिक संबंध और मजबूत हो रहे हैं। पहले मूलतः महाराष्ट्र और गुजरात में केन्द्रित रहने वाली नॉर्वे की कम्पनियों ने अब उ0प्र0, उत्तराखण्ड में भी रूचि दिखानी शुरू कर दी है।
वर्तमान में नॉर्वे की 140 कम्पनियाँ भारत के विभिन्न राज्यों में निवेश हेतु इच्छुक हैं। नॉर्वे ने रन आॅफ द रिवर फिशरीज टेक्नाॅलाजी में अच्छा कार्य किया है। नॉर्वे की तकनीकी से जल के कम प्रयोग द्वारा उच्च गुणवत्ता का मत्स्य पालन हो सकता है। इसके साथ ही नॉर्वे द्वारा जल विद्युत और सौर ऊर्जा में भी उच्च तकनीक विकसित की गई है।
उन्होंने बताया कि सर्वे आॅफ इंडिया तथा आई.आई.टी. रूड़की के साथ नॉर्वे का शोध गुणवत्ता के क्षेत्र में समझौता भी है। वाहन परिचालन में नॉर्वे में वर्तमान में 50 प्रतिशत से अधिक कारें धुंआ रहित हो गई हैं। नार्वे 2025 तक अपने सभी वाहनों को ग्रीन टेक्नाॅलाजी के प्रयोग द्वारा धुंआ रहित कर देगा।