PM Modi launches Ayushman Bharat health scheme: All you need to know .


 

PM Modi launches Ayushman Bharat health scheme: All you need to know .

Prime Minister Narendra Modi rolled out the Centre’s flagship Ayushman Bharat-National Health Protection Scheme, renamed Pradhan Mantri Jan Arogya Abhiyan (PMJAY), from Jharkhand on Sunday. The ambitious scheme, whose announcement was made by the PM from the ramparts of the Red Fort during his Independence Day speech, aims to provide a coverage of Rs five lakh per family annually and is expected to benefit more than 10 crore poor families.
As many as 31 states and Union Territories have signed Memorandum of Understandings (MoUs) with the Centre and will implement the programme over the next two to three months, after its launch tomorrow.
According to a Niti Aayog member, while the scheme will be launched tomorrow, it will effectively be operational from September 25, the birth anniversary of Pandit Deendayal Upadhyay.
What is Ayushman Bharat or National Health Protection Scheme?
The ambitious Ayushman Bharat or National Health Protection Scheme aims to cover over 10 crore vulnerable families (approximately 50 crore beneficiaries) and provide health cover up to Rs 5 lakh per family per year. The programme is being touted as the world’s largest health protection scheme. The benefits of the scheme are portable across the country and a beneficiary covered under the scheme will be allowed to take cashless benefits from any public/private empanelled hospitals across the country.
Who is covered under Ayushman Bharat or NHPS?
The scheme will aim to target over 10 crore families based on SECC (Socio-Economic Caste Census) database. To ensure that nobody from the vulnerable group is left out of the benefit cover, there will be no cap on family size and age in ‘Ayushman Bharat’ scheme. The insurance scheme will cover pre and post-hospitalisation expenses.
How will the government fund the scheme?
The expenditure incurred in premium payment will be shared between central and state governments in a specified ratio:  60:40 for all states and UTs with their own legislature, 90:10 in Northeast states and the three Himalayan states of Jammu and Kashmir, Himachal and Uttarakhand and 100 per cent central funding for UTs without legislature. The states are also free to continue with their own health programmes.
So far, 14 states have finalised their memoranda of understanding with the Centre. Of these, Andhra Pradesh, Telangana, Madhya Pradesh, Assam, Sikkim and Chandigarh are the states that will use a trust model for the mission. In a trust model, bills are reimbursed directly by the government. Gujarat and Tamil Nadu have opted for mixed mode implementation. In an insurance model, the government pays a fixed premium to an insurance company, which pays the hospitals.
States who have/have not signed MoU
As many as 31 states and Union Territories have signed MoUs with the Centre and will implement the programme over the next two to three months, after its launch on Sunday.
Remaining states and UTs which include Telangana, Odisha, Delhi, Kerala and Punjab have not signed, so the scheme will not be implemented in those states till they come on board.
Customised letter from PM Modi for Jharkhand beneficiaries
Beneficiaries of the Centre’s health insurance programme in Jharkhand, from where Modi launched the flagship scheme today, were sent a two-page customised letter from the PM, outlining the importance and benefits of the project. The government will send similar letters to 10.74 crore beneficiary families across the country gradually. The letters will have a photograph of Modi, a government official said. “Around 57 lakh families in Jharkhand are expected to receive letters by Sunday morning,” the official had said.
The letter mentions that the beneficiary family can avail the scheme in hospitals in their area and health facilities empanelled under the scheme across the country. “I hope you will receive complete treatment without the need to worry about the expense and without any hassles,” the letter states.
Besides the health insurance scheme, the PM will also launch 10 wellness centres in Jharkhand.
 

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत को देश को समर्पित किया। झारखंड की राजधानी रांची से इस आयोजन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत अब गरीबों को भी धनी लोगों की तरह स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इस अवसर पर पीएम ने देश की पुरानी सरकारों को भी कोसा और कहा कि उन्होंने केवल गरीबों के नाम पर राजनीति की।


रांची में पीएम मोदी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के लॉन्च के अवसर पर झारखंड के सीएम रघुवर दास, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने योजना को लॉन्च करते हुए कहा, ‘हमारे ऋषि मुनियों ने सपना देखा था सर्वे भवंतु सुखिन का। हमें सदियों पुराने संकल्प को इसी शताब्दी में पूरा करना है। समाज की आखिरी पंक्ति में जो इंसान खड़ा है, गरीब से गरीब इंसान को इलाज मिले। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले। आज इस सपने को साकार करने का एक अहम कदम बिरसा मुंडा की धरती से उठाया जा रहा है।’

लोगों ने दिया मोदी केयर का नाम: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आयुष्मान भारत के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू हो रही है। लोग इसे अलग-अलग नामों से पुकार रहे हैं। कोई इसे मोदी केयर का नाम दे रहा है। पर मेरे लिए यह देश के दरिद्र नारायण की सेवा का अभियान है। दुनिया के किसी भी देश में इतनी बड़ी योजना नहीं चल रही है।’
मोदी ने कहा कि यहां बैठे-बैठे इस योजना की विशालता का अंदाजा लगाना कठिन है। उन्होंने कहा, ‘पूरे यूरोपीय यूनियन के देशों की जनसंख्या, अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको की जनसंख्या से भी ज्यादा लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ। आने वाले दिनों में दुनिया में मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग इसपर बात करेंगे।’ पीएम ने इस योजना को मूर्त रूप देने में शामिल टीम का भी शुक्रिया अदा किया।
बीमारी लोगों को गरीबी में ढकेल देती है: मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश में बेहतर इलाज कुछ लोगों तक सीमित न हो, सभी को इलाज मिले, इसी भावना के साथ यह योजना देश को समर्पित की जा रही है। पीएम ने कहा, ‘हेल्थ सेक्टर की जब भी बात आती है तो कहा जाता है कि किसी इलाज पर अगर 100 रुपये खर्च होते हैं तो 60 रुपये का बोझ व्यक्ति या परिवार पर आता है। कमाई का ज्यादातर हिस्सा ऐसे ही खर्च होने के कारण हर साल लाखों लोग गरीबी से बाहर निकलने के कगार पर होते हैं, लेकिन एक बीमारी फिर उन्हें गरीबी में वापस ले जाती है।’
पीएम ने कहा कि जबसे देश आजाद हुआ तब से गरीबी हटाओं का नारा सुनते आए हैं। मोदी बोले, ‘गरीबों का आंख में धूल झोंकने वाले अगर आज से 40-50 साल पहले गरीबों के नाम पर राजनीति करने की बजाय गरीबों के सशक्तिकरण पर बल देते तो आज जो हिंदुस्तान दिख रहा है वैसा नहीं होता। उन्होंने गरीबी को समझने में गलती की। उन्हें लगा कि गरीब कुछ न कुछ मांगता है। गरीब को मुफ्त में दे दो। यही सोच गलत थी। गरीब जितना स्वाभिमानी होता है शायद उसे नापने का कोई तराजू नहीं है।’
मोदी ने कहा, ‘मैंने गरीबी को जीया है। एक स्वाभिमान है जो गरीबी में जीने की आदत देता है। हमने बीमारी की जड़ को पकड़ा है। देश गरीबी से मुक्ति की ओर तेजी से बढ़ा है। एक संस्था ने बताया कि दो-तीन सालों में 5 करोड़ से अधिक लोग अति गरीबी से बाहर निकले।’ मोदी ने पिछली सरकारों को घेरते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी खजाने को लूटा। जाति, धर्म देखकर योजनाएं बनाईं। आयुष्मान भारत संप्रदाय, जाति, ऊंच-नीच के आधार पर नहीं होगा।
कैंसर जैसी 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज
पीएम ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कैंसर जैसी 1300 गंभीर बीमारियों को इसमें शामिल किया गया है। इन बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी सुलभ होगा। पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से एक विशेष अवसर जुड़ा हुआ है। 14 अप्रैल को जब छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों से इसका प्रथम चरण शुरू किया था वह अंबेडकर की जयंती थी। आज जब दूसरा चरण आगे बढ़ रहा है तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती 25 सितंबर को है, लेकिन रविवार को होने वाली सहूलियत की वजह से इसे आज लॉन्च किया गया। 23 सितंबर को राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती के अवसर पर इसी क्रम में पीएम ने उन्हें भी याद किया।
पीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हर गरीब परिवार 14555 हेल्पलाइन नंबर याद रखे। इसपर योजना की सारी जानकारी मिल जाएगी। पीएम ने स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी भी दी। मोदी ने कहा कि 4 सालों में देश में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर तैयार करने का लक्ष्य है। 4 सालों में देश में 14 नए एम्स की स्वीकृति दी गई। हर राज्य में कम से कम एक एम्स बनाने का काम किया जा रहा है। 82 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। भविष्य में एक लाख डॉक्टर तैयार करने की क्षमता विकसित होगी। पीएम ने अंत में कहा कि न्यू इंडिया स्वस्थ हो, न्यू इंडिया सशक्त हो, आप सभी आरोग्य रहें आयुष्मान रहें, यही कामना है।