Strategy for UKPSC Lower PCS Pre & Mains : Abhinav Bhatt

Strategy for UKPSC Lower PCS Pre & Mains : Abhinav Bhatt (4th rank in Uttarakhand Lower PCS,2nd Rank in UK secretariat Review officer exam)

आज हम लोग आपके साथ संवेग आईएएस के एक ऐसे छात्र की सफलता की कहानी शेयर कर रहे हैं जो अपनी तैयारी की शुरुआत से से ही संवेग आईएएस से जुड़े रहे हैं |अपनी कठिन मेहनत एवं लगन से उन्होंने उत्तराखंड लोअर पीसीएस में उच्चतम स्थान प्राप्त किया| हल की अभी वह सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटे रहेंगे, लेकिन इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के साथ अपनी स्ट्रेटजी को शेयर किया| खासतौर से परीक्षा की तैयारी के दौरान क्या सावधानी बरती जानी चाहिए, आपकी तैयारी की नीति क्या होनी चाहिए|

प्रिय अभ्यर्थियो, आप सभी लोग उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं ( मुख्यतया समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संदर्भ में ) की तैयारी में संलग्न होंगे या तैयारी करने जा रहे हैं तो इस संदर्भ में मैं अपने विचार या यूं कहें कि मेरे द्वारा अपनायी गयी स्ट्रेटजी आपके सम्मुख रखना चाहता हूं जिससे आपको अपनी तैयारियों को बेहतर बनाने में कुछ मदद मिल सकती है।
सर्वप्रथम बात करते हैं समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा की। ये परीक्षाएं 3 चरणों में संपन्न होती हैं-
 प्रारम्भिक परीक्षा
 मुख्य परीक्षा
 साक्षात्कार ( लोअर पीसीएस के संदर्भ में ) एवं कंप्यूटर टाइपिंग ( समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संदर्भ में।)

बात प्रारम्भिक परीक्षा कीः– किसी भी परीक्षा में प्रारम्भिक परीक्षा का बहुत अधिक महत्व रहता है। यह वह सीढ़ी है जिसे पास करने के पश्चात् आप मुख्य परीक्षा की तैयारी करते हैं और पास न करने पर अगली परीक्षा का इंतजार। कभी-कभी यह इंतजार बहुत लम्बा भी हो सकता है क्योंकि उत्तराखण्ड में राज्य गठन के बाद से बहुत कम ( लगभग एक या दो बार ) बार ही ये परीक्षाएं आयोजित की गईं हैं। इसलिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भिक परीक्षा का महत्व काफी बढ जाता है।
अक्सर यह देखने में आता है कि परीक्षार्थी आयोग द्वारा परीक्षा का नोटिफिकेशन निकाले जाने का इंतजार करते हैं और नोटिफिकेशन आ जाने के बाद ही परीक्षा की तैयारी करने लगते हैं। इन परीक्षाओं का जो सिलेबस है वह भी काफी लम्बा (विस्तृत) है और नोटिफिकेशन व प्रारम्भिक परीक्षा के बीच का समय कम होने के कारण इतने विस्तृत सिलेबस को तैयार कर पाना एक बड़ी चुनौती होती है जिसमें मात्र कुछ अभ्यर्थी ही सफल हो पाते हैं। इसलिए हमें नोटिफिकेशन का इंतजार न कर अपनी तैयारियों को पहले से ही अंजाम देना चाहिए।
प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी के लिए दो बातों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है– नियमित पढ़ाई एवं पुनः अवलोकन। ( हालांकि इन दो बातों की आवश्यकता पूरी तैयारी के दौरान ही होती है। ) आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपको कम से कम एक दिन में लगभग 5-6 घंटे नियमित पढ़ाई करनी चाहिए और हफ्ते में एक या दो दिन अपना पुनः अवलोकन;Revision करना चाहिए।
मैंने भी इन बातों पर अपनी तैयारी के दौरान विशेष ध्यान दिया। नियमित पढ़ाई के साथ मैं हफ्ते में शनिवार एवं रविवार को अपने पढ़े हुए पाठों को दोहराता था।

इसके साथ ही मुझे संवेग आईएएससंस्थान देहरादून का भी मार्गदर्शन मिला। मैं संवेग आईएएस संस्थान का छात्र भी रहा हूं। संवेगआईएएस संस्थान के क्लास नोट्स से मुझे अपनी तैयारी को बेहतर करने में बहुत महत्वपूर्ण सहयोग मिला तथा साथ ही संवेग संस्थान की माॅक टेस्ट सीरीज से अपनी तैयारी को भी परखने का मौका मिला।


ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप कितना ही पढ लें जब तक आप कोई प्रश्न हल नहीं करते या कोई टेस्ट नहीं देते उस पढे़ हुए का ज्यादा फायदा देखने को नहीं मिलता। माॅक टेस्ट का फायदा यह है कि एक तो आपको यह जानने का अवसर मिलता है कि आपकी तैयारी किस स्तर की है। दूसरा रियल इक्ज़ाम में होने वाली गलतियों को सुधारने का अवसर मिलता है और तीसरा परीक्षा में निगेटिव मार्किंग के हौवे से भी पार पाने में सहायता मिलती है।
प्रारम्भिक परीक्षा में जनरल स्टडीज का बहुत ही अधिक महत्व रहता है। इसके लिए मैंने संवेग आईएएस संस्थान के क्लास नोट्स के अलावा कुछ परीक्षा से संबंधित किताबों का भी अध्ययन किया जिनका विवरण इस प्रकार हैः-
इतिहास- प्रारम्भिक- आर. एस. शर्मा
मध्यकालीन- सतीश चंद्रा
आधुनिक- स्पेक्ट्रम
भूगोल-परीक्षा वाणी एवं महेश वर्णवाल।
पाॅलिटी- एम. लक्ष्मीकांत।
अर्थशास्त्र- रमेश सिंह एवं परीक्षा वाणी।
विज्ञान- ल्यूसेंट एवं परीक्षा मंथन।
पर्यावरण- परीक्षा वाणी एवं संवेग संस्थान के नोट्स।
करंेट अफेयर्स- हिन्दी दैनिक समाचार पत्र(दैनिक जागरण), संवेग संस्थान के नोट्स, विजन एवं दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे।
प्रारम्भिक परीक्षा में सीसैट के लिए मैंने आर. एस. अग्रवाल की मैथ्स एवं रिजनिंग की किताब से तैयारी की साथ ही संवेग आईएएस संस्थान की सीसैट क्लास से भी फायदा मिला।

बात मुख्य परीक्षा कीः-1ः- समीक्षाअधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा केलिए- यहां पर प्रथम प्रश्न पत्र जनरल स्टडीज;ळमदमतंस ैजनकपमेद्ध का होता है जो कि प्रारम्भिक परीक्षा की तरह ही बहुविकल्पीय MCQ होता है। इसमें 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। यहां पर भी निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है।
वर्ष 2016 वाले पेपर की बात करें तो यह काफी आसान पेपर था। इसके लिए कोई अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी ही इसके लिए पर्याप्त थी।
द्वितीय प्रश्न पत्र हिंदी का होता है। इसमें ड्राफ्टिंग, अपठित गद्यांश, भावार्थ, व्याख्या तथा प्रशासनिक शब्द आदि पूछे जाते हैं।

इसके लिए मैंने संवेग आईएएस संस्थान के नोट्स, घटनाचक्र, सामान्य हिंदी- पृथ्वीनाथ पांडेय तथा आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना- डाॅ0 वासुदेवनन्दन प्रसाद से तैयारी की तथा साथ ही संवेग संस्थान की हिंदी की माॅक टेस्ट सीरीज भी ज्वाइन की।
तृतीय प्रश्न पत्र निबंध का होता है। इस प्रश्न पत्र में 3 निबंध लिखने होते हैं जिनकी प्रत्येक की शब्द सीमा 600 शब्द होती है। इसके लिए भी मैंने संवेग आईएएस संस्थान देहरादून की निबंध टेस्ट सीरीज ज्वाइन की तथा माॅक टेस्ट देता रहा जिससे मेरी लेखन शैली में सुधार हुआ।
2ः- लोअर पीसीएस हेतुः- यहां पर मुख्य परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते हैं-
1ः जनरल स्टडीज (Subjective Type)
2ः हिंदी एवं निबंध (Subjective Type)
जनरल स्टडीज;के प्रश्न पत्र में 20 प्रश्न पूछे जाते हैं जिनका उत्तर लगभग 100-125 शब्दों में लिखना होता है। इन दोनों ही प्रश्न पत्रों की तैयारी के लिए भी मैंने संवेग आईएएस देहरादून की माॅक टेस्ट सीरीज ज्वाइन की।
मुख्य परीक्षा में माॅक टेस्ट सीरीज की भूमिका प्रारम्भिक परीक्षा की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। जितना ज्यादा लेखन अभ्यास होगा लेखन शैली में उतना ही सुधार होता जाता है तथा साथ ही समय पर प्रश्नों को लिखने का अभ्यास भी होता है जिससे रियल इक्ज़ाम के समय कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े।
बात साक्षात्कार कीः- उपरोक्त दोनों परीक्षाओं में से साक्षात्कार केवल लोअर पीसीएस;छज्द्ध की परीक्षा में है। साक्षात्कार के लिए मैंने अपने बायोडाटा का गहन अध्ययन किया। इसके लिए मैंने एक डायरी बनाई जिसमें मैंने अपने बारे में, अपने निवास स्थान के बारे में, जिला, शहर, अपनी रूचि-अभिरूचि आदि का विस्तृत ब्यौरा लिखा। इसके साथ ही मैंने अपने स्नातक और स्नातकोत्तर के विषयों का पर भी उचित ध्यान दिया क्योंकि साक्षात्कार में अभ्यर्थी के बैकग्राउण्ड से भी प्रश्न पूछे जाते हैं तथा साथ ही मैंने माॅक इण्टरव्यू प्रोग्राम के लिए संवेग आईएएस संस्थान देहरादून से सहयोग प्राप्त किया।
समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा का अंतिम चरण कंप्यूटर ज्ञान तथा टाइपिंग( हिंदी/अंग्रेजी) का है। कंप्यूटर में बेसिक कंप्यूटर नोलेज के बारे में प्रैक्टिकल वर्क;करना होता है। जिसके लिए आपको कंप्यूटर पर Ms Word, Ms Excel, Ms Office, Power Point Presentation आदि से संबंधित प्रश्नों को हल करना होता है। इसके लिए मैंने पिछले सालों में पूछे गये प्रश्नपत्रों की मदद ली तथा उनको घर पर ही हल करता था।
हिंदी एवं अंग्रेजी टाइपिंग के लिए आपको 10 मिनट दिए जाते हैं। टाइपिंग के लिए मैंने लगभग 3-4 माह का प्रशिक्षण लिया। लगभग 3-4 माह का टाइपिंग प्रशिक्षण इस परीक्षा के लिए पर्याप्त रहा।
इस परीक्षा में कंप्यूटर नोलेज एवं टाइपिंग के माक्र्स अंतिम परीक्षा में नहीं जुड़ते हैं। इस बार की परीक्षा में देखने में यह आया कि इसी बात को लेकर कई परीक्षार्थी काफी लापरवाह दिखे और वे कंप्यूटर परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाये जिससे उनका अंतिम चयन नहीं हो सका। इसलिए इस बात का भी ध्यान रखना है कि सब कुछ अच्छा करने के बाद कहीं ऐसा न हो कि आप कंप्यूटर परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाएं इसलिए इसके लिए भी अभ्यास करते रहें।

अपनी तैयारी के दौरान मुझे संवेग आईएएस संस्थान देहरादून के श्री मिश्रा सर का अभूतपूर्व मार्गदर्शन मिलता रहा। अपने चयन का श्रेय मैं संवेग आईएएस संस्थान के मिश्रा सर को देना चाहता हूं। सर आपके मार्गदर्शनके बिना यह संभव नहीं था। आशा करता हूं कि सर आपका मार्गदर्शन मुझे आगे भी मिलता रहेगा।

अभिनव भट्ट
संवेग आईएएस छात्र
RO- 2nd rank,NT- 4th rank