Motivation part 5
upsc final result 2017
पुलिस उपाधीक्षक की बेटी विशाखा डबराल ने हासिल की ऑल इंडिया सिविल सर्विस में 134वीं रैंक
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पुलिस उपाधीक्षक की बेटी विशाखा डबराल ने हासिल की ऑल इंडिया सिविल सर्विस में 134वीं रैंक
एक पुलिस अधिकारी पिता अब अपने ‘अफसर बिटिया’ को सैल्यूट करेंगे। यह मौका मिला है संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा से, जिसमें देहरादून निवासी बीपी डबराल की बेटी विशाखा डबराल ने देशभर में 134वीं रैंक हासिल की है। वह आईपीएस अधिकारी बनने जा रही हैं। उनके पिता बीपी डबराल पुलिस महकमे में सीओ ट्रैफिक (हरिद्वार) हैं। बेटी की इस उपलब्धि पर पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।
देहरादून के तुनवाला निवासी डबराल परिवार के लिए शुक्रवार की शाम खुशियां लेकर आई। इसके साथ ही मौका लाई उनके पिता के लिए बेटी को सैल्यूट करने का मौका। दरअसल, परिवार की बेटी विशाखा डबराल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 134वीं रैंक हासिल की है। विशाखा इस रैंक पर आईपीएस अफसर बनेंगी। उनके पिता बिरेंद्र प्रसाद डबराल पहले ही पुलिस महकमे में बतौर सीओ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विशाखा का कहना है कि भले ही पुलिस महकमे में उनके पापा उन्हें सैल्यूट करें, लेकिन बेटी को आगे बढ़ाने के मामले में मैं उन्हें हमेशा सैल्यूट करूंगी।
विशाखा की 12वीं तक की पढ़ाई गुरुनानक एकेडमी से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से बीए किया। बीए में उन्होंने इतिहास और अर्थशास्त्र चुना। वर्ष 2015 में ग्रेजुएशन के बाद विशाखा ने सिविल की तैयारी शुरू की। सेल्फ स्टडी के दम पर वर्ष 2016 में सिविल सेवा परीक्षा दी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। विशाखा ने हिम्मत नहीं हारी। माता रश्मि डबराल और पिता ने हमेशा अफसर बनने के लिए प्रेरित किया। 2017 में नए सिरे से तैयारी कर सिविल सेवा परीक्षा दी। इसका नतीजा 134वीं रैंक के तौर पर सामने आया। विशाखा ने बताया कि लगन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।
लिस्ट में नाम नहीं आने से न हों निराश
विशाखा का कहना है कि जिन युवाओं का नाम सिविल सेवा परीक्षा की सूची में नहीं है, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। अपनी गलतियों को पहचानें और दोबारा तैयारी में जुट जाएं। निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए रोजाना समाचार पत्र पढ़ने और विषय को समझने की सलाह भी दी। विशाखा ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए जरूरी है कि आप डेडिकेशन के साथ तैयारी करें।
source :amar ujala
she is not related with us.but her inspiring journey may inspire many in uttarakhand.so we are publishing it from newspaper for motivation only.
देहरादून के तुनवाला निवासी डबराल परिवार के लिए शुक्रवार की शाम खुशियां लेकर आई। इसके साथ ही मौका लाई उनके पिता के लिए बेटी को सैल्यूट करने का मौका। दरअसल, परिवार की बेटी विशाखा डबराल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 134वीं रैंक हासिल की है। विशाखा इस रैंक पर आईपीएस अफसर बनेंगी। उनके पिता बिरेंद्र प्रसाद डबराल पहले ही पुलिस महकमे में बतौर सीओ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विशाखा का कहना है कि भले ही पुलिस महकमे में उनके पापा उन्हें सैल्यूट करें, लेकिन बेटी को आगे बढ़ाने के मामले में मैं उन्हें हमेशा सैल्यूट करूंगी।
विशाखा की 12वीं तक की पढ़ाई गुरुनानक एकेडमी से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से बीए किया। बीए में उन्होंने इतिहास और अर्थशास्त्र चुना। वर्ष 2015 में ग्रेजुएशन के बाद विशाखा ने सिविल की तैयारी शुरू की। सेल्फ स्टडी के दम पर वर्ष 2016 में सिविल सेवा परीक्षा दी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। विशाखा ने हिम्मत नहीं हारी। माता रश्मि डबराल और पिता ने हमेशा अफसर बनने के लिए प्रेरित किया। 2017 में नए सिरे से तैयारी कर सिविल सेवा परीक्षा दी। इसका नतीजा 134वीं रैंक के तौर पर सामने आया। विशाखा ने बताया कि लगन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।
लिस्ट में नाम नहीं आने से न हों निराश
विशाखा का कहना है कि जिन युवाओं का नाम सिविल सेवा परीक्षा की सूची में नहीं है, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। अपनी गलतियों को पहचानें और दोबारा तैयारी में जुट जाएं। निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए रोजाना समाचार पत्र पढ़ने और विषय को समझने की सलाह भी दी। विशाखा ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए जरूरी है कि आप डेडिकेशन के साथ तैयारी करें।
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