लद्दाख को जल्द मिलेगा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट

लद्दाख को जल्द मिलेगा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांटलद्दाख में जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बनेगा, जिससे बिजली उत्पादन के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

इन प्रॉजेक्ट्स पर करीब 45,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर लद्दाख अब जल्द ही एक नई वजह से जाना जाएगा। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बनाए जाने की तैयारी है। जानकारी के अनुसार, दक्षिण कारगिल से करीब 200 किलोमीटर दूर बनाए जाने वाले इस प्लांट से बिजली उत्पादन के साथ ही एक साल में करीब 12,750 टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने, डीजल पर निर्भरता खत्म करने और आसपास के इलाकों को रोजगार उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन संस्था SECI (सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) इससे जुड़े प्रॉजेक्ट्स को प्रमोट कर रही है। माना जा रहा है कि लद्दाख में 5,000 मेगा वॉट की यूनिट और कारगिल के लिए 2,500 मेगा वॉट की यूनिट साल 2023 तक तैयार हो जाएगी। इस पर करीब 45,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


लद्दाख की प्रॉजेक्ट यूनिट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र लेह के न्योमा में हनले-खलदो में बनाई जाएगी। वहीं कारगिल सोलर प्लांट यूनिट को ज़ंस्कार के सुरु में बनाया जाएगा जो डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से 254 किलोमीटर की दूरी पर है। लद्दाख यूनिट से जनरेट होने वाली बिजली को कैथल तक सप्लाई किया जाएगा, जिसके लिए 900 किलोमीटर लंबी लाइन लेह-मनाली सड़क पर बिछाई जाएगी। कारगिल परियोजना श्रीनगर के पास न्यू वानपोह में ग्रिड के साथ शुरू होगी। कारगिल परियोजना श्रीनगर के पास न्यू वान्पोह में ग्रिड के साथ जुड़ेगी।


एसईसीआई के डायरेक्टर एसके मिश्रा ने बताया कि टेंडर्स से जुड़ी समस्याओं पर गौर करने के साथ ही प्रॉजेक्ट के स्थान से जुड़ी समस्याओं पर भी गौर कर उन्हें दूर करने की कोशिश की गई है।
प्रॉजेक्ट से जुड़ी एक और सकारात्मक बात यह है कि लेह और कारगिल प्रशासन ने पहाड़ी परिषदों के लिए ‘पारिश्रमिक’ कीमतों पर क्रमशः 25,000 और 12,500 एकड़ गैर-चरने वाली भूमि को नामित किया है, जो 3% वार्षिक वृद्धि के साथ प्रति वर्ष लगभग 1,200 रुपये प्रति हेक्टेयर का किराया भी कमाएगा। मिश्रा ने कहा, ‘प्रॉजेक्ट के लिए जमीन का चुनाव हो जाना संभावित प्रमोटरों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अलग-अलग स्थानों से साइट विजिट के लिए आ रहे हैं और प्रॉजेक्ट में काफी रुचि दिखा रहे हैं।’
उम्मीद की जा रही है कि सोलर पैनल परियोजनाएं सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देंगी और स्थानीय लोगों को सोलर पैनलों की सफाई और ट्रांसफार्मर का रखरखाव आदि जैसे कौशल सिखा कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाएंगी।

Want to be the first one to receive the new Content?

Enter your email address below and we'll send you the notes straight to your inbox.

Thank You For Subscribing

This means the world to us!

Spamming is not included! Pinky promise.